चांद की चांदनी
चांद की चांदनी
तुम्हें कोई टोके ऐसा दिन ना आए अगर आए तो मेरी लाश से गुजर जाए
नज़रे जो है तेरी तारिफो से भर दु कभी चान्द कभी तारे तेरे नाम कर दूँ
इफ्तार की चांद भी शर्मा जाए तेरी रोशनी के आगे जो कुछ है हममें तेरे नाम कर दूँ
आपकी सादगी बड़ी प्यारी है हमशे तो उम्मीद बारो कि लत जहां हुजुरी है
नज़रें यह झुक जाती हैं इस खुबसूरती के आगे कहना है तो क्या ही कहूँ
कभी तो नज़रें मिलाओ बस यही दुआ है अब तो यही इन्तेज़ाम यही रज़ा है
कभी तो सपनों में आया करो इतनी सी दुआ है अब चाहतें
भी खुब है बस आपकी मर्जी के बिना बद्दुआ है सब
दुआ करते हैं रब को आपको सलामत रखे
इस बुरे दौर में आपको आबाद रखे
इतनी सी दुआ है मान लो ना मेरी अपनी मीठी
आवाज से दिल को भर दो ना मेरी
हम भी कोशिश जारी रखते हैं आपसे मिलने की
ख़ुदा की मर्जी हूई तो सादगी होगी आपकी
मिलन होना तय है ये समझ लेना आप तो मेरे रहते कोई और
आ जाए ऐसा कोई कर के दिखाए तो
आबाजे बेनजीर है आपकी सामने चाँद भी फीका है
जो मिल जाओ तुम तो दुनिया लगे चमकीला है।