बुलंद हौसले
बुलंद हौसले

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मुश्किलें आयें चाहे जितनी,
तुम हौसला बुलंद रखना,
सहने पडे़ सितम चाहे कितने,
कंधे पर ना किसी के सर रखना,
गिरना फिर से उठना,
चाहे गिरो तुम कितनी बार,
उठ कर फिर तुम आगे बढना,
चाहे करें बातें लोग हजार,
रास्ते बहुत आयेंगे मंजिल तक,
पर सही रास्ता तुम्हारा होगा,
उसी रास्ते आगे बढकर,
तुम्हें मुकाम को पाना होगा,
घबराना नहीं रूकावटों से,
ईश्वर है संग तुम्हारे,
पहुंच जाओगे मंजिल तक,
हौसले है अगर बुलंद तुम्हारे।