***बसंत का बयार***
***बसंत का बयार***
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कोयल की पुकार हूं
नव चेतन का संचार हूं
यौवन का प्यार हूं
बसंत का बयार हूं
ठंडी ठंडी सुहावनी
सबका मन भाविनी
मौसम का बहार हूं
बसंत का बयार हूं
कभी सरसो की खेत में
कभी अरहर की खेत में
कभी घुमती बीच बाज़ार हूं
बसंत का बयार हूं
प्रकृति का निखार हूं
उड़ाती रंग-गुलाल हूं
प्रेमी प्रेमिकाओं का इंतजार हूं
बसंत का बयार हूं।
