बसंत ......आना
बसंत ......आना
1 min
300
बसंत
तुम इस तरह से आना।
मुरझाए चेहरों को
मीठी मुस्कान से
तुम भर जाना।।
उदासी की
तस्वीरों में,
खुशी के रंग।
तुम बिखराना।
बसंत
तुम इस तरह से आना।
बंजर
जहाँ-जहाँ धरा है।
नेह का
जल बरसाना।।
बसंत
तुम इस तरह से आना।
अंधियारे मनों में
तुम आस का दीप जलाना।
जीवन को
प्रेम से भरकर
प्रेम के गीत तू गाना।
बसंत
तुम इस तरह से आना।
जीवन को
संचालित कर
नव उर्जा
तू भर जाना।
उंमग-उंमग
जीवन तंरग
नव मधुर
संदेश तुम लाना।
बसंत
तुम इस तरह से आना।
हर तरह
शुभता दे कर।
तुम फिर
कहीं मत जाना।।
बसंत
तुम इस तरह से आना।
