बरसो मेघा रे

बरसो मेघा रे

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सुखी है धरा

बरसो रे ओ मेघा

कर दो हरा


सूखे है ताल

कर दो हरियाली

भूखे हैं बाल


वन पुकारे

बढ़ता रेगिस्तान

जन हुँकारे


न तरसाओ

उमड़-घुमड़ के

बरस जाओ


तृषित तन

बरसो काले मेघा

हर्षित मन



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