STORYMIRROR
बरसो मेघा रे
बरसो मेघा रे
Nirmal Jain
Others
2
-
Originality :
2.0★
by 1 user
-
-
Language :
2.0★
by 1 user
-
Cover design :
2.0★
by 1 user
Nirmal Jain
Others
2
-
Originality :
2.0★
by 1 user
-
-
Language :
2.0★
by 1 user
-
Cover design :
2.0★
by 1 user
बरसो मेघा रे
बरसो मेघा रे
सुखी है धरा
बरसो रे ओ मेघा
कर दो हरा
सूखे है ताल
कर दो हरियाली
भूखे हैं बाल
वन पुकारे
बढ़ता रेगिस्तान
जन हुँकारे
न तरसाओ
उमड़-घुमड़ के
बरस जाओ
तृषित तन
बरसो काले मेघा
हर्षित मन
More hindi poem from Nirmal Jain
Download StoryMirror App