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Shweta Chaturvedi

Others

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Shweta Chaturvedi

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बँटवारा

बँटवारा

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चलो बाँट ही लेते हैं आज

अपने अपने हिस्से का सामान,

हो आँख का बिखरा काजल

या होंठों में खिली मुस्कान


हुआ इस बार 

बँटवारा

तो तुम मेरे, 

मेरा सब कुछ तुम्हारा होगा..


नज़रें मेरी, 

हर ख़ूबसूरत नज़ारा तुम्हारा होगा..


होगा खुला आसमाँ मेरा,

उसमें चमकता चाँद,

झिलमिलाता हुआ 

हर सितारा तुम्हारा होगा..


रात की ख़ामोशी मेरी,

सुबह का सुरीला राग तुम्हारा होगा..


अंधेरे में जलता चिराग मेरा,

रोशनी बरसाता आफ़ताब तुम्हारा होगा..


चूमता कलियों के रुखसार को

आसमान की पलकों से गिरा शबनम मेरा, 

खिलता हर गुलाब तुम्हारा होगा..


शजर से झरते गुलों का पतझर मेरा, 

शोख़ नयी कलियों का

वसंत बहार तुम्हारा होगा..


बरसता सावन का फुहार मेरा,

सर्दी की ठिठुरन में 

गुनगुना अलाव तुम्हारा होगा..


मैं जो चुनूँ कोई भी सीपी,

छिपा हुआ उसके दिल में

हर नायाब मोती तुम्हारा होगा..


तुम्हारी किसी अमानत सा, 

ख़ारा सारा समंदर मेरा,

थामे उसे अपनी मज़बूत बाँहों में 

प्यार का साहिल तुम्हारा होगा..


और लफ़्ज़ों में खुलता इज़हार मेरा,

होंठों में बंद 

बेशक़ीमती सा हर राज़ तुम्हारा होगा...


चलो बाँट ही लेते हैं आज

अपने अपने हिस्से का सामान...


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