बंद करो ये रोना धोना
बंद करो ये रोना धोना
बंद करो ये झूठ- मूठ का रोना- धोना,
रोना- धोना छोड़ के सार्थक काम करो ना।
कितनी समस्याएँ हैं, जो मुँह बाए खड़ी हैं,
कैसे समाधान हो, कोई उपाय करो ना।
कोरी बातें करने से हल होगी नहीं समस्या।
केवल रोने- धोने से हल होगी नहीं समस्या।
सबको मिलकर ठोस उपाय ढूँढना होगा
उचित उपायों को फिर अमल में लाना होगा।
बेमतलब में एक दूजे की टाँग खींचना बंद करो।
मिल जुलकर के सभी पार्टियाँ देश का नव निर्माण करो।
एक दूसरे पर नाहक आरोप लगाना बंद करो।
देश तरक्की करे किस तरह, इस पर सोच विचार करो।
केवल रोने- धोने से हल होती नहीं समस्या।
रोने- धोने के कारण होती है बड़ी समस्या।
कोरे वादे करके लोगों को फुसलाना बंद करो।
वोट की खातिर नोट बाँटकर, यूँ बहलाना बंद करो।
आगजनी और आन्दोलन का खेल घिनौना बंद करो।
वोट के लालच में लोगों में घृणा फैलाना बंद करो।
यदि देश से प्रीति है, तो देश का नव निर्माण करो।
देश बचाना चाहते हो तो देश का कुछ कल्याण करो।