तुम बिन जाऊँ कहाँ
तुम बिन जाऊँ कहाँ
बीच भंवर में फंसी है नैया, बेड़ा पार लगा रे।
तेरे बिन नहीं कोई सहारा ,जग के खेवनहारे।
विश्व युद्ध के मुहाने पर आज जगत बैठा है।
रूस और हमास, न जाने किसके बल पर ऐंठा है।
यूक्रेन और रूस में कितने ही महीनों से युद्ध छिड़ा,
अभी खत्म वह हो ना पाया, इजराइल में युद्ध छिड़ा।
हमास ने बेमतलब ही इजराइल पर धावा बोला।
राकेट लांचर मिसाइल से खून की वो होली खेला।
आर- पार की जंग छिड़ी है, कितने लोग शहीद हुए।
इतनी बर्बरता की, जिगर निकाल के कच्चा ही खा गए।
फिर उसकी वीडियो बनाई, सोशल साइट्स पर डाल दिया।
क्रूरता और नृशंसता की, सब सीमाऐं लाँघ गया।
सरे राह महिलाओं को रुसवा कर बंधक बना लिया।
न जाने कहाँ रखा है उनको, अब तक कुछ नहीं पता लगा।
रो रोकर मैं तुम्हें पुकारूँ, भगवान तुम बिन जाऊँ कहाँ?
अबलाओं की लाज बचाने आ जाओ श्रीनाथ यहाँ।
नरकासुर और जरासंध की कैद से जैसे छुड़वाया था।
नराधमों का वध करके, भयमुक्त जगत को करवाया था।
अब तो उससे भी ज्यादा आतंक मचा है आज यहाँ।
रो रोकर मैं तुम्हें पुकारूँ , भगवन तुम बिन जाऊँ कहाँ?
आज धरा पर जगह- जगह संग्राम मचा है भारी
हमें बचा लो आकर, जग के रक्षक कृष्ण मुरारी।