भविष्य
भविष्य
भविष्य अपना साकार होगा जिंदगी में
अपनी यह महकायेगा दिखावटी बनावटी दुनिया से
आगे बढ़ चढ़कर मन्ज़िल तक पहुंचाएगा ,
है नहीं जिसमें कोई विकल्प वहीं अपने जीवन का अनमोल हिस्सा बनेगा,
भावों के बहाव में उतरे हम मैदान में,
दुनिया को छोड़कर चल पड़े हम करेंगे स्वप्न अपने साकार नए रूप में नए रंग में अपने वेश में।
सफलता की और बढ़ते जाना है, आगे ही आगे हमें चलते जाना है,
रूकना नहीं ठहरना नहीं थकना नही हमें कभी अपनी कलम से अपनी ज़िंदगी को अपने शिखर तक पहुंचाना है,
अनवरत हैं यथार्थ इस जीवन के गणवेश में हम दोनों आगे की ओर बढ़ना होगा।
मन्ज़िल अपनी वहीं होगी जहाँ हमें जाना है, पहुंचना है,
कल्पनाओ से भरी जिंदगी में सफलता की औऱ अतुलनीय महत्वपूर्ण हैं,
जीवन मे अपने इसे भूमिका हमें निभाना हैं।
छूना है आसमान मिलकर हमें नील गगन के परे समतल अविरण यथार्थ ज़िन्दगी में महत्वपूर्ण स्थान हासिल करना हम दोनों को हैं।
