भाषा शैली
भाषा शैली
महाराष्ट्र के मुंबई शहर में ही
तिलक पब्लिक स्कूल का नाम।
छापरे परिवार की कन्या
मुंबई शहर मध्ये है धाम।।
श्री रवि कुमार पिता हैं जिनके
श्रीमती प्रीति है मां का नाम।
कु पूर्वी छापरे है उनकी अनुजा,
अग्रज अग्रजा का नहीं काम।।
आई बाबा की लाडली प्रबोधिनी
छापरे जी है जिनका नाम।
कक्षा प्रथम में अध्ययनरत है,
रहती सदा सहयोगिनी गृह काम।।
हिंदी, पर्यावण नैतिकता, अंग्रेजी,
गणित, कंप्यूटर और मराठी विद्या।
का नित नित अभ्यास करके,
सफल करती सकल काम।।
अभिरुचियां जिनकी भिन्न भिन्न हैं
सबमें पारंगत और पूर्ण प्रवीण।
मातारानी की अनन्य उपासक
नहीं हो सकेगा बुद्धि बल क्षीण।।
सरल हृदय है, मिलनसार वह
द्रवीभूत हो जाता उनका दिल।
तेज झलकता जिस चेहरे से
जांन रहा है यह भुवन अखिल।।
निष्कंटक राहें बनें आपकी
यही कामना करती ईश्वर से।
सुखी रहोगी अब शाश्वत तुम
नित करूं प्रार्थना जगदीश्वर से।।

