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ananya rai

Others

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भारतवर्ष

भारतवर्ष

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है समृद्ध सुदृढ़ जो देश तेरा, वो देश मेरा ये भारत है ! 

है आँचल माँ का प्रेम पिता का शौर्यवान ये भारत है !! 


शीश हिमालय चरण में सागर विषधारी कैलाश यहाँ ! 

चन्दन है भूमि जिसकी मृगननी यकंचन भाल यहाँ !! 


सत का सागर, प्रेम की भाषा, हर दिन एक त्योहार है ! 

ज्ञान बुद्ध का इस धरती पर ईश्वर का उपहार है !! 


है धर्म सनातन महा पुरातन, कर्म कहलाता योग है ! 

श्री कृष्ण की वाणी में मिलता गीता सा पुण्य संयोग है !! 


हैं पवित्र घंटी मंदिर की ,मस्जिद की पाक अजान है ! 

हो हिन्दू मुस्लिम सिख, इसाई कहलाता पहले इंसान है !!  


लक्ष्मी ,दुर्गा ,अम्बा तलवारो से यहाँ खेली हैं ! 

भाल-कृपाण, धनुष-बाण नारी की यहाँ सहेली है !! 


गंगा, यमुना, सरस्वती नदियाँ ब्रह्मपुत्र सी न्यारी है ! 

हो इन्द्रासन या ब्रह्मासन माँ की गोदी ही प्यारी है !! 


ये मिटटी है परवानो की शहादत यहाँ अलबेली है.! 

चढ़ जाना वीरों का खुद सूली पर आज तक एक पहेली है !! 


हैं समृद्ध सुदृढ़ जो देश तेरा वो देश मेरा ये भारत है ! 

है आँचल माँ का प्रेम पिता का शौर्यवान ये भारत है !!


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