बापू जी के तीनों बंदर
बापू जी के तीनों बंदर
बापू तेरे तीन बंदर
घूम रहे है गली गली।
तेरे संदेशों की परिभाषा
दुनिया को वो बतला रहे।
पर इस युग में उन संदेशों का।
अब शायद कोई मतलब नहीं ।।
बंदर तेरे बोल रहे है,
जाकर अब हर गली गली।
देखो और सुनो तुम सब,
पर किसी को कुछ बोलो नहीं ।
बोल गए यदि भूल से तुम तो।
फिर सुनने और देखने
के, लायक तुम नहीं रहोगे।।
इसलिए सिद्धांत ये तुम मानो।
न देखा न सुना और न ही,
हमें कुछ बोलना है।
तभी आज के युग में
सुखी तुम रह पाओगे।
वरना न सुनने के न देखने के
और न ही बोलने के लायक
रह पाओगे।
इसलिए गांधी जी के
तीनों बंदरों का,
मूल स्वरूप जानो और मानो।।
