और ....क्या
और ....क्या
और
क्या हो रहा है......... ?
जीवन की ,
जद्दोजहद से ,
सामना हो रहा है।
और क्या ....?
कहें क्या हो रहा है।
हर दिन के,
कामकाज में,
जिंदगी का,
झाड़ू -पोछा हो रहा है।
और क्या ....?
कहें क्या हो रहा है।
दो वक्त की ,
रोटी कमाने में,
हाज़मा भी,
खस्ता हो रहा है।
और क्या ......?
कहें क्या हो रहा है।
खुशियों की छीना-झपटी में,
गमों का राज हो रहा है।
छोटी -बड़ी सब समस्याओं का,
ताना-सा उलझ रहा है।
और क्या .....?
कहें , क्या हो रहा है।
जिंदगी की नित -नई
लड़ाईयों का,
सामना हो रहा है।
खुद को जोड़ कर,
हर समस्या के ,
आगे खड़ा,
हो रहा हूँ।
सब सही हो रहा है।
यह जिंदगी है,
मैं अकेला ,
सब के साथ ,
यही हो रहा है।
