अस्तित्व
अस्तित्व
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अपना अस्तित्व ढूंढती
सब कुछ जीत कर भी
एक जगह हार जाती हूं
हर वक्त अपने को
तलाशती हुई
हर बार नए घरौंदे बनाने
में लग जाती हूं
फिर हर बार कुछ
ख़ुशियाँ ढूंढ़ती
कुछ कुछ अपने को
तलाशती हुई
ना जाने फिर क्यो मैं
पराई ही होती हूँ
हर बार याद दिलाया जाता
मैं पराई हूं
बालों में सफेदी सी आने लगी
सब कुछ मुझसे है पर मेरा
कोई नहीं
अपना अस्तित्व ढूंढती
