अक्षर ज्ञान
अक्षर ज्ञान
दो रोटी नहीं मैया ,
अक्षर ज्ञान करा दे तू।
इस संसार में मुझको,
कुछ स्थान दिला दे तू।
समझ पाऊँ क्या है सही,
गलत न हो साथ कभी,
छोटी सी अर्ज़ी है मैया,
इतनी समझ करा दे तू।
दो रोटी नहीं मैया ,
अक्षर ज्ञान करा दे तू।
इस संसार में मुझको,
कुछ स्थान दिला दे तू।
अपनी बात रख सकूँ ,
दूसरों को भी समझ सकूँ ,
बढ़ पाऊँ जो आगे मैया,
वो राह आसान करा दे तू।
दो रोटी नहीं मैया ,
अक्षर ज्ञान करा दे तू।
इस संसार में मुझको,
कुछ स्थान दिला दे तू।
न रहे मन पर बोझ कोई,
मैं तेरा बोझ न बन जाऊँ ,
इतना सहारा दे दे मैया,
मुझे औरों का सहारा बना दे तू।
दो रोटी नहीं मैया ,
अक्षर ज्ञान करा दे तू।
इस संसार में मुझको,
कुछ स्थान दिला दे तू।