अकेले थे
अकेले थे
पास आकर भी सभी,दूर चले जाते हैं,
अकेले थे हम अकेले ही रह जाते हैं,
अपना दर्द हम किस किस को दिखाए,
मरहम लगाने वाले ही जब दर्द दे जाते हैं।
उम्मीदें जगाकर कर हरदम वो
उम्मीदों में ही छोड़ जाते हैं
ना छोड़ते हैं किसी काबिल हमे,
अपनी नजरो से ही कत्ल कर जाते हैं।