आया बसंत
आया बसंत
झूम रहे सब आया बसंत
ऋतुओं का राजा है बसंत II
बाग बगीचे महक उठे हैं
मनभावन से फूल खिले हैं
कोयल मीठी बोली बोले
कानों में मधुर रस घोले
नव पल्लव आमों के बौर
करें स्वागत आया है बसंत II
झूम रहे सब आया बसंत
ऋतुओं का राजा है बसंत II
शिवरात्रि में झूमे लोग
पीके भंग होते मदहोश
चढ़ा बेलपत्र और नारियल
करें प्रार्थना दूर हों दोष
अर्चना होती शिव गौरी की
छाया हर्ष आया है बसंत II
झूम रहे सब आया बसंत
ऋतुओं का राजा है बसंत II
रंग लगाएं एक दूजे को
पिचकारी से करते वार
छोड़ दुश्मनी गले मिलें सब ं
ऐसा होली का त्योहार
सतरंगी सी छटा बिखेरे
फलता फूलता रहे बसंत II
झूम रहे सब आया बसंत
ऋतुओं का राजा है बसंत II