आया बसन्त जब
आया बसन्त जब
1 min
259
बगिया की मायूसी दूर हुई
तितलियां नशे में चूर हुई
भंवरों ने ली अंगड़ाई है
पौधों पर रौनक आई है
मेरे घर के आंगन में
फिर नन्ही चिड़िया आई है।
फुदक फुदक कर इतराती
सुनहरे पंख दिखाती है
ऐसा लगता है हमको वो
खुश रहने का मंत्र बताती है
जो दुख है वह जाएगा
खुशी का समय भी आएगा।
उदास रह कर काम न चलेगा
खुश रहोगे तो काम बनेगा
जीवन का इतना सा सार है
अगर मन में बसंत का राज है
कांटा फूल बन जाता है
जीवन सरल हो जाता है।
