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NEERAJ SINGH

Others

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NEERAJ SINGH

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आया बसन्त जब

आया बसन्त जब

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बगिया की मायूसी दूर हुई

तितलियां नशे में चूर हुई 

भंवरों ने ली अंगड़ाई है 

पौधों पर रौनक आई है

मेरे घर के आंगन में 

फिर नन्ही चिड़िया आई है।


फुदक फुदक कर इतराती

सुनहरे पंख दिखाती है

ऐसा लगता है हमको वो

खुश रहने का मंत्र बताती है

जो दुख है वह जाएगा 

खुशी का समय भी आएगा।


उदास रह कर काम न चलेगा

खुश रहोगे तो काम बनेगा 

जीवन का इतना सा सार है 

अगर मन में बसंत का राज है

कांटा फूल बन जाता है

जीवन सरल हो जाता है।


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