आशीर्वाद से दिन बदले
आशीर्वाद से दिन बदले
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तेरा आशीष पाकर
सब कुछ पा लिया हैं।
तेरे चरणों में हमने
सर को झुका दिया हैं।
तेरा आशीष पाकर .......।।
आवागमन गालियां न हमे रुला रहे हैं।
जीवन मरण का झूला हमको झूला रहे हैं।
आज्ञानता निद्रा हमको सुला रही हैं।
नजरे पड़ी जो तेरी मानो पाप धूल गए है।
तेरा आशीष पाकर......।।
तेरे आशीष वाले बादल जिस दिन से छाए रहे हैं।
निर्दोष निसंग के पर्वत उस दिन से गिर रहे हैं।
रहमत मिली जो तेरी मेरे दिन बदल गये है।
तेरी रोशनी में विद्यागुरु सुख शांति पा रहे है।।
तेरा आशीष पाकर .....।।