STORYMIRROR

Kamaldeep Kaur

Children Stories Inspirational

4  

Kamaldeep Kaur

Children Stories Inspirational

आज फिर मुस्कराते हैं।।

आज फिर मुस्कराते हैं।।

1 min
335

चलो कुछ भूल जाते हैं

आज फिर मुस्कराते हैं।।


सांस आने जाने के इस खेल में,

हंसते हुए गुजर जाते हैं।।


जिंदगी है गम और खुशी का मेला,

चलो ठहाकों की महफिल लगाते हैं।।


कई ठोकरों से गए गुजर, कई रातें कांटों पर सोए हम,

फूलों को चुनकर आज अरमानों की सेज सजाते हैं।।


चलो कुछ भूल जाते हैं,

आज फिर मुस्कराते हैं।।


सफर ए जिंदगी में बहुत कुछ खोया है,

चलो जो पाया उससे बागबान बनाते हैं।।


हसरत नहीं कि आसमान मिले हमें,

चलो धरा को खुशगवार बनाते हैं।।


शुक्र उस रहनुमा का जो हर पल साथ रहा,

बिखरे जो कभी तो हाथ पकड़ थामे रहा।।


फिर अपनी एक नई दुनिया बनाते हैं,

हर पल हो खुशियों का, कुछ ऐसी राह बनाते हैं।।


चलो कुछ भूल जाते हैं,

आज फिर मुस्कराते हैं।।।



Rate this content
Log in