आज बिरज मा होरी रे रसिया
आज बिरज मा होरी रे रसिया
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श्याम खेले संग राधा और गोपियाँ,
आज बिरज मा होरी रे रसिया। (१)
जब लाल गुलाल और अबिल भी लगायो ,
श्याम को रूप निखरयो रे रसिया,
आज बिरज मा होरी रे रसिया (२)
ब्रिज में तो आज फाग खेलयो,
राधा कृष्णा खेले रे रसिया,
आज बिरज मा होरी रे रसिया। (३)
कनक पिचकारी श्याम जब लायो,
राधा खड़ी सरमाये रे रसिया,
आज बिरज मा होरी रे रसिया।(४)
ढब भी लायो ढोल भी बजायो,
नाचत राधा संग श्याम रे रसिया,
आज बिरज मा होरी रे रसिया।(५)
जमुना तट पर रास रचायो,
जुगल जोरी ने मन मोह लियो रे रसिया,
आज बिरज मा होरी रे रसिया।(६)
