झूठे समाज के लोग...। झूठे समाज के लोग...।
एक गज़ल...। एक गज़ल...।
लोगों ने चीख पे कान दिया, क्या कहा उसपे ध्यान दिया! वो था "जय हिन्द" चिल्लाया। लोगों ने चीख पे कान दिया, क्या कहा उसपे ध्यान दिया! वो था "जय हिन्द" चिल्ल...
खोकर सबकुछ शायद एक दिन सच को तू जीत पाएगा। खोकर सबकुछ शायद एक दिन सच को तू जीत पाएगा।