हाथ उठे तो सिर्फ़ देने के लिए, सिर झुके तो सिर्फ़ आशीष लेने के लिए। हाथ उठे तो सिर्फ़ देने के लिए, सिर झुके तो सिर्फ़ आशीष लेने के लिए।
जो जैसा होता है उसको वही नज़र आता है ! जो जैसा होता है उसको वही नज़र आता है !
दर्द सारा ढले ख़ुशियों की शक्ल में ऐसा कोई चमत्कार कर दीजिए दर्द की इम्तहाँ तक... दर्द सारा ढले ख़ुशियों की शक्ल में ऐसा कोई चमत्कार कर दीजिए दर्द की इम्तहाँ तक....
बाहर से खुश, दुखी हूँ अंदर। लगता है, है मुझमें कहीं एक जोकर। बाहर से खुश, दुखी हूँ अंदर। लगता है, है मुझमें कहीं एक जोकर।
कभी लड़ाई कभी खिंचाई, कभी हँसी ठिठोली थी कभी पढ़ाई कभी पिटाई, बच्चों की ये टोली थी। कभी लड़ाई कभी खिंचाई, कभी हँसी ठिठोली थी कभी पढ़ाई कभी पिटाई, बच्चों की ये टोली...
Thank you Thank you