प्राण त्याग दियो इसनें, अन्न न खायो एक बार मेवाड़ केसरी रे आगे, हार गयो अकबर सम्राट। प्राण त्याग दियो इसनें, अन्न न खायो एक बार मेवाड़ केसरी रे आगे, हार गयो अकबर ...
भाग गया अकबर अपनी सब सेना ले लाहौर की ओर फिर ना देखा उसने जीवन भर मेवाड़ की ओर। भाग गया अकबर अपनी सब सेना ले लाहौर की ओर फिर ना देखा उसने जीवन भर मेवाड़ की ओर...
मेवाड़ तब धन्य हुआ जब जन्मे थे महाराणा । मेवाड़ तब धन्य हुआ जब जन्मे थे महाराणा ।
जो शीश झुका दे राणा का ऐसी कोई तलवार नहीं।। जो शीश झुका दे राणा का ऐसी कोई तलवार नहीं।।