सवाल-ए-इश्क़
सवाल-ए-इश्क़
सुनो,
कुछ सवाल हैं मेरे मन में
गर मैं हिन्दू लड़का किसी मुस्लमान लड़की से प्रेम करूं
ज़िन्दगी का हरेक लम्हां साथ बिताऊँ
और फिर जब में उसकी गोद में सुकून से हमेशा के लिए सो जाऊं
तो मुझे जलाया जायेगा या दफनाया जायेगा ?
गर जलाया जायेगा तो वो कौन होगा जो मुझे अपने हाथों से अग्नि देगा
मेरा कोई हमदम मेरा चाहने वाला या कोई सिर्फ नाम का अपना होगा
अच्छा इक और सवाल है
क्या मेरे साथ मेरे ख़्यालों को भी जलाया जायेगा
या फिर सिर्फ मेरे मिट्टी से बने जिस्म को
या फिर गर मुझे दफनाया गया तो
क्या मेरे लिखे मोहब्बत के सारे गीत मेरे साथ दफनाया जायेगा
जब लोग मेरे कब्र पे मिट्टी डाल रहे होंगे तो
अल्लाह का, राम का या फिर मेरा लिखा मोहब्बत का कोई शेर पढ़ा जायेगा
खैर जो भी हो मगर
मेरी सिर्फ एक गुजारिश है
मेरे गुजरने के बाद सिर्फ मेरी अच्छाइयों को तवज्जों न दी जाये
मेने जितने बुरे काम किए हैं, सबकी दास्ताँ सुनाई जाये।।
गर लोग मेरे न हीने के बाद भी मेरी गलत्तियों से कुछ सिख पाए तो
शायद कहीं मुझे मेरे होने का मायने मिलेगा
मेरे साथ जो भी हो मेरे महबूब की सलाह ली जाये
मैं इश्क़ का हूँ, और इश्क़ की कोई जात नहीं होती
चाहो तो जलाओ या दफना दो
आज ये हक़ भी महबूब के नाम की जाये