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" सरस्वती वंदना "

" सरस्वती वंदना "

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ललाटे कश्मीरं, कज्जल दौ नयनम

अधरम सुमुधरम, तांबूल वर्णं

स्मित मधुरम, कोकिल कंठ्म


शुभ्रवसनं धारिणीम, शारदे आरूढं हंसे

धारयेत कर वीणाम, धारयेत ज्ञान गंगाम

नमामि सरस्वत्यैः नमामि शारदेयं




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