सोलमेट तेरी वो छुवन
सोलमेट तेरी वो छुवन
जब तुमने मुझे छुआ.....
एक अलग सा एहसास हुआ
मानो देह की सभी तरंगे झनझना उठी
एक करंट सा महसूस हुआ
सर से पाव तक यूँ..,
जब तुमने मुझे छुआ....
एक छुईमुई सी मुरझायी खिली खड़ी सी थी
मानों इसी छुवन के लिये सालों अनछुई सी थी
एक अनजानी सी सहमी सी
लेकिन एक निखराव भी था,
शायद पहली बार था इसलिए ऐसा था.
जब तुमने मुझे छुआ.......
जब तुमने मेरे मन को छुआ
जब तुमने मेरे आत्मा को छुआ
क्यों कि स्त्रीदेह प्राप्ति आसान है
लेकिन स्त्री प्राप्ति नहीं,
जब तुमने मुझे छुआ.....
जब तुमने मुझे छुआ ..
मैं हमेशा के लिए सिर्फ और सिर्फ तुम्हारी हो गयी !!