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इसलिए इंतज़ार कर रही हूँ ताकि पहल आपसे हो जाए...! इसलिए इंतज़ार कर रही हूँ ताकि पहल आपसे हो जाए...!
जिसके लिए दोस्तों को दुश्मन मान बैठे थे...! जिसके लिए दोस्तों को दुश्मन मान बैठे थे...!
इसलिए आदतन शब्दों को भी गिन कर खर्च करता हूँ...! इसलिए आदतन शब्दों को भी गिन कर खर्च करता हूँ...!
पर उस एक पल में बीते कई सालों को फिर से जीकर मैं खुश था...! पर उस एक पल में बीते कई सालों को फिर से जीकर मैं खुश था...!
ठेले पर बगीचा लिया, घूम रहा हूँ...! ठेले पर बगीचा लिया, घूम रहा हूँ...!
स्वेद को ही मिला सदा, विजयश्री का प्रणाम है । स्वेद को ही मिला सदा, विजयश्री का प्रणाम है ।
जब तख्त की ज़ुबाँ बोलनेे लगे अखबार, तो कैसे लिख दूँ कि कलम की ताकत अभी ज़िंदा है...। जब तख्त की ज़ुबाँ बोलनेे लगे अखबार, तो कैसे लिख दूँ कि कलम की ताकत अभी ज़िंदा ह...
आज वीराने दिल को बागबान करने निकला हूँ... आज वीराने दिल को बागबान करने निकला हूँ...
दोनों के दिल, रक्षासूत्र और ताबीज़ सब राज़ी थे, पर उन्हें देने वाले द्वेष और द्रोह के पुजारी थे ! दोनों के दिल, रक्षासूत्र और ताबीज़ सब राज़ी थे, पर उन्हें देने वाले द्वेष और द...