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यकीन मानिए उस रात मुझे बहुत अच्छी नींद यकीन मानिए उस रात मुझे बहुत अच्छी नींद
मैं लौट रहा था तो मुझे ख्याल आया कि इतनी रात में आप घर कैसे जाएंगी। मैं लौट रहा था तो मुझे ख्याल आया कि इतनी रात में आप घर कैसे जाएंगी।
क्योंकि इन सैकड़ों दिव्यागों के बीच तुम्ही एक पूर्ण पुरूष हो। जीते रहो मेरे अजनबी भाई। क्योंकि इन सैकड़ों दिव्यागों के बीच तुम्ही एक पूर्ण पुरूष हो। जीते रहो मेरे अजनब...
उसने भी खुशी जाहिर की और खाना खाने लगी। उसने भी खुशी जाहिर की और खाना खाने लगी।
बेटियाँ तो सभी मेरी हैं, बस मैंने इन्हें पैदा नहीं किया। बेटियाँ तो सभी मेरी हैं, बस मैंने इन्हें पैदा नहीं किया।
आँखों से फिर आँसू बहने लगे। मोटे-मोटे, बड़े-बडे़ लेकिन, पश्चाताप के आँसू। आँखों से फिर आँसू बहने लगे। मोटे-मोटे, बड़े-बडे़ लेकिन, पश्चाताप के आँसू।