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शाखों पे था पतझर, कलियां झर गई ऐतबार की, नफ़रत सिमट गई थी दरारों में,जख्मी प्यार की। शाखों पे था पतझर, कलियां झर गई ऐतबार की, नफ़रत सिमट गई थी दरारों में,जख्मी प्...
छुपाकर दर्द सारे अश्कों से,जो खेलता है छुपाकर दर्द सारे अश्कों से,जो खेलता है
अतृप्त ख्वाब, झूठे वादे और अश्कों से आंखें पुरनम, ये जीवन की मृगतृष्णा भी है, झूठ और सच का संगम। अतृप्त ख्वाब, झूठे वादे और अश्कों से आंखें पुरनम, ये जीवन की मृगतृष्णा भी है, झ...
अपनी पाकीज़ा मोहब्बत को, गंगाजल लिख दूं। अपनी पाकीज़ा मोहब्बत को, गंगाजल लिख दूं।
शमां से जलकर मर जाने को, मोहब्बत समझ बैठे। शमां से जलकर मर जाने को, मोहब्बत समझ बैठे।
शूल चुभने लगे हैं, बेवफाइयों के पांव में। शूल चुभने लगे हैं, बेवफाइयों के पांव में।