संताली और हिंदी में लेखन
वादा को ढो कर कौन घूमते फिरेगा वादा को ढो कर कौन घूमते फिरेगा
मैं बहुत खुश हुआ झट से घर को आ गया प्रेम पत्र को खोला ... उसमें लिखा था - इश्क़ मुझ मैं बहुत खुश हुआ झट से घर को आ गया प्रेम पत्र को खोला ... उसमें लिखा...
सपने सच होते हैं, कुछ मेरे भी हुए, देखे थे रातो में, सबेरे वो पूरे हुए। जीना तो च सपने सच होते हैं, कुछ मेरे भी हुए, देखे थे रातो में, सबेरे वो पूरे हुए।...
बचपन की ना जाने कितनी यादें होती है... पेड की भी यादें होती है... जिस पेज को देखकर हम बडे हुए... वह ... बचपन की ना जाने कितनी यादें होती है... पेड की भी यादें होती है... जिस पेज को देख...
नागाड़े की आवाज और मांदर की थाप पर नृत्य करते पुरूष एवं महिलाएं आज भी मुझे य... नागाड़े की आवाज और मांदर की थाप पर नृत्य करते पुरूष एवं महिलाए...
न बहक जाऊं न बिदक जाऊं सत्य के पथ से दोस्ती न कर लूं भ्रष्टाचार और कुरितियों से डरता हूं न बहक जाऊं न बिदक जाऊं सत्य के पथ से दोस्ती न कर लूं भ्रष्टाचार और कुरितिय...
उस झोले में किताब तो थी नहीं कॉपी भी नहीं था कलम भी नहीं उस झोले में किताब तो थी नहीं कॉपी भी नहीं था कलम भी नहीं
कर्तव्यों से बंधे हुए आदमी को वौकर कह सकते है...? कर्तव्यों से बंधे हुए आदमी को वौकर कह सकते है...?
बचपन के वो दिन बचपन के वो दिन
कि मेरे उस दोस्त ने अपने गरीब बच्चों का भला किया था। कि मेरे उस दोस्त ने अपने गरीब बच्चों का भला किया था।