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हर बार सभी से पूछती हूँ क्या है गुनाह मेरा , नारी होना या तुम्हारा विक्षिप्त होना ? । हर बार सभी से पूछती हूँ क्या है गुनाह मेरा , नारी होना या तुम्हारा विक्षिप्त...
शोख मुस्कुराहट भरी आँखें "मानो कह रहीं हों" तुम्हारा ही इन्तजार था। शोख मुस्कुराहट भरी आँखें "मानो कह रहीं हों" तुम्हारा ही इन्तजार था।
नन्हीं सी मेरी परी बड़ी है चुलबुली। नन्हीं सी मेरी परी बड़ी है चुलबुली।
में बदल जाती है जब सोचती हूँ तुम्हें। में बदल जाती है जब सोचती हूँ तुम्हें।
कई फांके गुजारें हैं, कई हैं दावतें देखी सदा अलमस्त हो जीवन, अना हमको सिखाती है। कई फांके गुजारें हैं, कई हैं दावतें देखी सदा अलमस्त हो जीवन, अना हमको सिखाती...
इस बसन्त में आज है कहना, मन से मन का बंधन हो। इस बसन्त में आज है कहना, मन से मन का बंधन हो।
सुलझती हूँ तुम में अहसास ही तो है। सुलझती हूँ तुम में अहसास ही तो है।
वो प्रियतम का गुलाबी खत वो प्रियतम का गुलाबी खत
पीली -पीली सरसों झूमे पीली -पीली सरसों झूमे
और बंसन्त में धानी आँचल लहराऊँ। और बंसन्त में धानी आँचल लहराऊँ।