Talash jari hai kamyabi milegi kabhi na kabhi.
बढ़े चल बढ़े चल अपने लक्ष्य की ओर बढ़े चल भय की कोई गुंजाइश। बढ़े चल बढ़े चल अपने लक्ष्य की ओर बढ़े चल भय की कोई गुंजा...
हम बच्चे ही सही थे और वो बचपन के दिन ही ठीक थे। हम बच्चे ही सही थे और वो बचपन के दिन ही ठीक थे।
निस्वार्थ दूसरों के लिए जीती हो हे नारी इतना कैसे कर लेती हो? निस्वार्थ दूसरों के लिए जीती हो हे नारी इतना कैसे कर लेती हो?
माना अंधेरा घना है, पर उम्मीद की ज्योति जलाना कहां मना है माना अंधेरा घना है, पर उम्मीद की ज्योति जलाना कहां मना है
तब भी मैं कहूंगा। जिंदगी नहीं डरता मैं तुझसे चल हट नहीं डरता हूं मैं तुझसे। तब भी मैं कहूंगा। जिंदगी नहीं डरता मैं तुझसे चल हट नहीं डरता हूं मैं तुझसे।
""मैं एक मजदूर हूं "" (लॉकडाउन के दौरान) ""मैं एक मजदूर हूं "" (लॉकडाउन के दौरान)
और कितना सहना पड़ेगा अपनों की बेवफाई और किस्मत का दुर्व्यवहार जीवन मानो किताबो और कितना सहना पड़ेगा अपनों की बेवफाई और किस्मत का दुर्व्यवहार जीवन म...
तुम जुल्म करते हो यह जानते हुए भी माँ दुआयें देती है तुम जुल्म करते हो यह जानते हुए भी माँ दुआयें देती है