' मुंबई के नजदीक मेरी रिहाईश , लेखन मेरे अंतर्मन की फरमाइश '
ये विज्ञापन हमें बेवकुफ बनाते हैं और हम सब जानकर भी फूले नहीं समाते हैं। ये विज्ञापन हमें बेवकुफ बनाते हैं और हम सब जानकर भी फूले नहीं समाते हैं।
जानूँ बस इतना कि तुम हो मेरी रचना। जानूँ बस इतना कि तुम हो मेरी रचना।
एक दूजे को रंग लगाके खेलें प्रेम से होली एक दूजे को रंग लगाके खेलें प्रेम से होली
इत उत क्यों तू भटक रहा जब, अंतस पैठे इश खोज रहा तू मंदिर मंदिर। इत उत क्यों तू भटक रहा जब, अंतस पैठे इश खोज रहा तू मंदिर मंदिर।
अच्छा है ये नेता ही बना है अभिनेता बनता तो मैं कहाँ ठौर लेता। अच्छा है ये नेता ही बना है अभिनेता बनता तो मैं कहाँ ठौर लेता।
कहीं बहू, बेटी बनी तो कहीं बनी नौकरानी। कहीं बहू, बेटी बनी तो कहीं बनी नौकरानी।
ऐसे में हवा का ताजा झोंका बन तुम मेरी जिंदगी में आई। ऐसे में हवा का ताजा झोंका बन तुम मेरी जिंदगी में आई।
ताली हवा में अकेले बजाता रहा याद में तेरी खुद को सताता रहा। ताली हवा में अकेले बजाता रहा याद में तेरी खुद को सताता रहा।
अबला ना रही, तू सबला है तू भारत वर्ष की, नारी है ! अबला ना रही, तू सबला है तू भारत वर्ष की, नारी है !
इक दीप जलाओ उनकी खातिर। इक दीप जलाओ उनकी खातिर। इक दीप जलाओ उनकी खातिर। इक दीप जलाओ उनकी खातिर।