काश ख्वाबो के पीछे भी डोर होती तो मेें उसे कस कर पकड़ लेता।
होटल रेस्टोरेंट और ढाबों का वो आनंद पूछ लीजिए मगर आप मुझसे मां के हाथों का वो स्वाद न होटल रेस्टोरेंट और ढाबों का वो आनंद पूछ लीजिए मगर आप मुझसे मां के हाथों का वो...
नींद है आखों मेें पर सोने से डर लगता है। नींद है आखों मेें पर सोने से डर लगता है।
माना कईं दिनों से मुलाकात नहीं हुई, तो यूं अकेले में छत पर बैठता कौन है। माना कईं दिनों से मुलाकात नहीं हुई, तो यूं अकेले में छत पर बैठता कौन है।
डगमगाने लगा स्वर्ग सिंहासन, गगन मैं दानवों दी किलकारी हैं। डगमगाने लगा स्वर्ग सिंहासन, गगन मैं दानवों दी किलकारी हैं।
मैं तुम्हारे साथ जिंदगी बीताना चाहता हूं।। मैं तुम्हारे साथ जिंदगी बीताना चाहता हूं।।
कभी ज्वाला सी आग तो कभी अंगारे, फिर आखिर में बुझकर राख हो जायेंगे कभी ज्वाला सी आग तो कभी अंगारे, फिर आखिर में बुझकर राख हो जायेंगे