लिखना सीख रहा हूँ मैं अभी
सुनहरी चादर एक बिछ जाती है हमसफर याद तेरी तो आती है.. सुनहरी चादर एक बिछ जाती है हमसफर याद तेरी तो आती है..
कभी अंधेरों ने की शिरकत तो कभी यहां उजालों का आगाज रहा है। कभी अंधेरों ने की शिरकत तो कभी यहां उजालों का आगाज रहा है।
फिर कुछ ख्वाब सोच कर मैं मन ही मन मुस्कायो फिर कुछ ख्वाब सोच कर मैं मन ही मन मुस्कायो
रहता नहीं जिंदा एक दूजे के बिन दो बदन लेकिन एक जान है जूता। रहता नहीं जिंदा एक दूजे के बिन दो बदन लेकिन एक जान है जूता।
जीवन के इसी झमेले में मिल गया था कोई मेले में कुछ बातें हुईं थी अकेले में। जीवन के इसी झमेले में मिल गया था कोई मेले में कुछ बातें हुईं थी अकेले में।