I'm प्रवीण and I love to read StoryMirror contents.
रंग-बिरंगे पुष्प खिले हैं, आज प्रकृति के उपवन में। रंग-बिरंगे पुष्प खिले हैं, आज प्रकृति के उपवन में।
यह बसंत सबके मन भाता, ऋतुओं का राजा कहलाता। यह बसंत सबके मन भाता, ऋतुओं का राजा कहलाता।
माघ-फागुन-चैत की तिकड़ी गजब अब सा ढा रही। इंद्रधनुषी रंग में अब तो प्रकृति इठला रही। माघ-फागुन-चैत की तिकड़ी गजब अब सा ढा रही। इंद्रधनुषी रंग में अब तो प्रकृति इठल...
कलेजा चीर दे ऐसा सनम से घाव लागा है। कलेजा चीर दे ऐसा सनम से घाव लागा है।
तभी ऋतुराज खुशियों का करे संचार जन-जन में। तभी ऋतुराज खुशियों का करे संचार जन-जन में।
रंगीला वासंती मौसम,स्वर्ग बनाये निर्जन में। रंग-बिरंगे पुष्प खिले हैं, आज प्रकृति के रंगीला वासंती मौसम,स्वर्ग बनाये निर्जन में। रंग-बिरंगे पुष्प खिले हैं, आज प्र...
बढ़ता मन अनुराग, खुशी मिलती है जी कर। मन से हटा विषाद, छटा नैनों से पी कर बढ़ता मन अनुराग, खुशी मिलती है जी कर। मन से हटा विषाद, छटा नैनों से पी कर
तपन सूर्य की बढ़ रही, और घट रही शीत। मधुमय मौसम भा रहा, लगता परम पुनीत तपन सूर्य की बढ़ रही, और घट रही शीत। मधुमय मौसम भा रहा, लगता परम पुनीत
"काम" करे व्यापार, बना मधुमासी तन-मन। "काम" करे व्यापार, बना मधुमासी तन-मन।
कामदेव के पुष्प बाण से, बौराते मन आज। मधुमय मन ले रहा हिलोरें, भूला मानव काज। कामदेव के पुष्प बाण से, बौराते मन आज। मधुमय मन ले रहा हिलोरें, भूला मानव काज।