Poet | short stories. Consistency | MERAKI
अनकही बातें भी 'जब समझ आ जायें कही हुयी बात फिर मैं भी लिखूँ। अनकही बातें भी 'जब समझ आ जायें कही हुयी बात फिर मैं भी लिखूँ।
प्रतिनिधित्व आज भी नारी का करती हूँ पर मत बनना तुम वैदेही विनती सबसे करती हूँ। प्रतिनिधित्व आज भी नारी का करती हूँ पर मत बनना तुम वैदेही विनती सबसे करती हूँ...
दर्द का इक समन्दर, मैने भी अपने अन्दर पाल रखा है। दर्द का इक समन्दर, मैने भी अपने अन्दर पाल रखा है।
प्रार्थना और दुआओं के बीच असमंजस में रोती हुई जिन्दगी प्रार्थना और दुआओं के बीच असमंजस में रोती हुई जिन्दगी
कहीं मिल जायेंं तो मुझे भी बताना मैं भी तो माँग रही हूँ। कहीं मिल जायेंं तो मुझे भी बताना मैं भी तो माँग रही हूँ।
अरे! ओ , बादल . जरा सुन तो पागल, कब तक तरसाओगे बोलो ना, पानी कब बरसाओगे। अरे! ओ , बादल . जरा सुन तो पागल, कब तक तरसाओगे बोलो ना, पानी कब बरसाओगे।
जो मांगो मिल जाता था, हर सपना पूरा हो जाता था जेबें खाली थी उनकी मगर हौसलों से भरी थी जो मांगो मिल जाता था, हर सपना पूरा हो जाता था जेबें खाली थी उनकी मगर हौसलों स...
कर लो तुम भी अब थोड़ा सा आराम बस इतना ही तो है इक स्त्री का ख्वाब। कर लो तुम भी अब थोड़ा सा आराम बस इतना ही तो है इक स्त्री का ख्वाब।