सोच से अलहदा, एक अदना सा किरदार हूँ मैं। हाँ, एक कलमकार हूँ मैं।
ताकी हम अटूट नींद में अपने सपनों को फिर से जी सकें। ताकी हम अटूट नींद में अपने सपनों को फिर से जी सकें।
दिसम्बर की गुलाबी शामों में जब गिरती है यादों की सुनहरी बर्फ़ दिसम्बर की गुलाबी शामों में जब गिरती है यादों की सुनहरी बर्फ़
यह धरती हैं माँ का आँचल इसकी आन को संभाले रखना। यह धरती हैं माँ का आँचल इसकी आन को संभाले रखना।
मंजिलें मुकम्मल होंगी जरूर, बस सदाक़त का सफ़ीना थामे रखना मंजिलें मुकम्मल होंगी जरूर, बस सदाक़त का सफ़ीना थामे रखना
वो तकलीफ तो नहीं महसूस होती पर हां बेचैनी कुछ ज्यादा सी होने लगी है। वो तकलीफ तो नहीं महसूस होती पर हां बेचैनी कुछ ज्यादा सी होने लगी है।
हमारे दुख सोखने हमारे आँसू पोंछने। हमारे दुख सोखने हमारे आँसू पोंछने।
साफ करना चाहता हूँ एक-दूसरे से गुथे यादों के जालों को और फँस जाना चाहता हूँ दोबारा, साफ करना चाहता हूँ एक-दूसरे से गुथे यादों के जालों को और फँस जाना चाहता हूँ द...