Upsc Aspirant
साँचे कोयला चुल्हा से, आँखें सूज जाता। सबके बा गैस चुल्हा, आपन भी किनाता। साँचे कोयला चुल्हा से, आँखें सूज जाता। सबके बा गैस चुल्हा, आपन भी किनाता।
हाथ में मशाल लिए मन में लौ जला लिए। हाथ में मशाल लिए मन में लौ जला लिए।
आग सीने में है लगी जी रहा हूँ घूँट-घूँट के मैं अभी सुन लो न मेरे यारों, आग सीने में है लगी जी रहा हूँ घूँट-घूँट के मैं अभी सुन लो न मेरे यारों,
एक परदेसी हूँ , क्यों इतना प्यार मुझे करती हो. एक परदेसी हूँ , क्यों इतना प्यार मुझे करती हो.
फिर भी वो लोक-लज्जा से चुप चाप लाचार रही वो भूल गई स्वयं पर हुई हिंसा को फिर भी वो लोक-लज्जा से चुप चाप लाचार रही वो भूल गई स्वयं पर हुई हिंसा को