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प्यार के दर्द की कविता। प्यार के दर्द की कविता।
ग़र नहीं भला, तो दिल बुरा भी क्यों हो, वो ग़ैर सही, मेरी बात से ख़फ़ा भी क्यों हो...! ग़र नहीं भला, तो दिल बुरा भी क्यों हो, वो ग़ैर सही, मेरी बात से ख़फ़ा भी क्यों ह...
जबकि तमाम जिस्म ही मेरा जल चुका नाक़िद क्या ढूंढते हो दाग़, अब मेरे पैराहन में जबकि तमाम जिस्म ही मेरा जल चुका नाक़िद क्या ढूंढते हो दाग़, अब मेरे पैराहन में
बेमौत मरते हैं हर शब तेरी चाह में हम, क़ाश कि नई हयात का भी कभी आग़ाज़ होता... बेमौत मरते हैं हर शब तेरी चाह में हम, क़ाश कि नई हयात का भी कभी आग़ाज़ होता...
तेरे ग़म का ही था, मुझको सहारा अब तक, ग़म-ए-यार न होता, तो ज़िन्दग़ी कहाँ होती...! तेरे ग़म का ही था, मुझको सहारा अब तक, ग़म-ए-यार न होता, तो ज़िन्दग़ी कहाँ होती.....
इक कविता तन्हाई पर। इक कविता तन्हाई पर।
लौट आते हैं नाले दर-ओ-दीवार से शबिस्ताँ की टकरा के वो सदा हो गया हूँ अब मैं, जिसका हमनवाज़ नहीं लौट आते हैं नाले दर-ओ-दीवार से शबिस्ताँ की टकरा के वो सदा हो गया हूँ अब मैं, जि...
सबब ढूँढे फिरती है, क़यामत का चारसू, अश्क़ नहीं देखती, तेरी क़ायनात ये मेरे...! सबब ढूँढे फिरती है, क़यामत का चारसू, अश्क़ नहीं देखती, तेरी क़ायनात ये मेरे...!
मशहूर है सनम तेरा सितम, बस्ती-ए-चाहत में, पर तेरा ये सितम, कि सितम भी, मुझपर कहाँ हुआ...! मशहूर है सनम तेरा सितम, बस्ती-ए-चाहत में, पर तेरा ये सितम, कि सितम भी, मुझपर कहा...
मसरूफ़ हैं इक गुलिस्तां, प्यार का बनाने में हम...! मसरूफ़ हैं इक गुलिस्तां, प्यार का बनाने में हम...!