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अ जल का कुछ है ही नहीं विकल्प, इसे बचाने का हम लें संकल्प। अ जल का कुछ है ही नहीं विकल्प, इसे बचाने का हम लें संकल्प।
मत निराश हो यों तू उठ, मत निराश हो यों तू उठ,
चना में इतने मौलिक बनो कि जितना स्वयं सृजन है।। चना में इतने मौलिक बनो कि जितना स्वयं सृजन है।।
जो क्षोभ भरे उषा बटोरती अरुण गात ! अब जागो जीवन के प्रभात ! जो क्षोभ भरे उषा बटोरती अरुण गात ! अब जागो जीवन के प्रभात !
जीवन को रोशन करते है शिक्षक। जीवन को रोशन करते है शिक्षक।
मिलकर रहते सिख-ईसाई मिलकर रहते सिख-ईसाई
जरूर विचार करें एवं पानी को व्यर्थ न करें। जरूर विचार करें एवं पानी को व्यर्थ न करें।
घर छोड़ कर शुरू-शुरू में स्कूल चला जब आता था. घर छोड़ कर शुरू-शुरू में स्कूल चला जब आता था.
प्यार करना ही उसका उसूल है, प्यार करना ही उसका उसूल है,