कवयित्री ✍️
तुम पावस, मैं सारंग हूं बोलो तुम्हारे बिना मैं कहां हूं ? तुम पावस, मैं सारंग हूं बोलो तुम्हारे बिना मैं कहां हूं ?
क्यों मुझसे नाता तोड़ दिया? यूँ ठंड में अकेला छोड़ दिया। क्यों मुझसे नाता तोड़ दिया? यूँ ठंड में अकेला छोड़ दिया।
मुझे अपनी तस्वीर खींचनी है तुम्हारी आंखों से। मुझे अपनी तस्वीर खींचनी है तुम्हारी आंखों से।
देखना वो तुम्हारे छुपे आंसू पहचान पाता है क्या? देखना वो तुम्हारे छुपे आंसू पहचान पाता है क्या?
कामुक नज़रों से बचती, आंचल को ढकती हुई। कामुक नज़रों से बचती, आंचल को ढकती हुई।
तोड़कर एक आशियाना, क्या अपना घर बसाएगा? तोड़कर एक आशियाना, क्या अपना घर बसाएगा?