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आगे - आगे बढ़ते जाए पथ रौशन हम करते जाए। आगे - आगे बढ़ते जाए पथ रौशन हम करते जाए।
देखूँ ये दृश्य मनोहर, कब आयेगा ये मौसम। देखूँ ये दृश्य मनोहर, कब आयेगा ये मौसम।
बलखाये , क्षण भर में ये घूम आये देखो सारा संसार, हवा से तेज भागे है मन फिर भी थकना पा बलखाये , क्षण भर में ये घूम आये देखो सारा संसार, हवा से तेज भागे है मन फिर...
इतना तू उस मैं से कर, मोह माया इस मैं में बस। इतना तू उस मैं से कर, मोह माया इस मैं में बस।
फिर से वापस आ जाये वो मुस्कुराती खिलखिलाती सुबह। फिर से वापस आ जाये वो मुस्कुराती खिलखिलाती सुबह।
मस्तक की शोभा बढ़ाता चंद्र और जटा में जिसके चंचल गंगा है नीलकंठ वो शम्भू अविनाशी मस्तक की शोभा बढ़ाता चंद्र और जटा में जिसके चंचल गंगा है नीलकंठ वो शम्भू अविन...
माना कुछ कमी है लोगों में पर कुछ कमी भी इस मन की है। माना कुछ कमी है लोगों में पर कुछ कमी भी इस मन की है।
है तू भी कितना ग़जब का, हूँ मैं भी कितना अजब का है तू भी कितना ग़जब का, हूँ मैं भी कितना अजब का