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Anita Koiri

Children Stories

4.0  

Anita Koiri

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रेवती के प्रश्न

रेवती के प्रश्न

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एक समय में विराटनगर का एक राजा था आदित्य । वे अपने विवाह के लिए कन्या ढूंढ़ रहे थे , मगर वो किसी ज्ञानी महिला से विवाह करना चाहते थे। राजा किसी भी राजकुमारी के रूप के प्रति आकर्षित नहीं थे।उनका विवाह रेवती नाम की एक कन्या से कुछ इस प्रकार हुआ।

राजा आदित्य के साथ रेवती की मुलाकात कुछ ऐसे हुई थी। एकबार राजा अपना वेश बदलकर लड़कियां देखने गए थे, ताकि उन्हें ज्ञानी और अच्छे गुणों वाली पत्नी की प्राप्ति हो। राजा ने अनेक लड़कियां देखी, परंतु उन्हें कोई भी लड़की पसंद न आई।शाम होते - होते, राजा आदित्य बिल्कुल थक चूके थे, उन्हें काफी भूख लगी थी परन्तु कोई भी उन्हें पूछ नहीं रहा था। राजा आदित्य के साथ उनके कोई मंत्री भी न थे , जो उनकी मदद कर पाते।


रात होते - होते, राजा को दूर से कोई लड़की आती दिखी , राजा शांति से बैठे रहे। वह लड़की पीपल के वृक्ष के पास जाकर रूक गई। उसने पीपल के नीचे दिया जलाया और फिर कुछ भोजन भी चढ़ाने लगी। उतने ही देरी में उसका ध्यान राजा आदित्य की ओर गया, राजा ने उसे देखा तो अपनी आंखें बंद कर ली। वह लड़की भोजन लेकर राजा के पास गई और बोली, "तुम ये भोजन कर लो!"

राजा ने कहा" तुम तो ये पीपल के लिए लाई थी फिर मुझे क्यों दे रही हो?"

रेवती बोली " पीपल खाता नहीं है, उससे अच्छा तुम्ही खालों, वैसे भी भोजन से किसी भी इंसान की पेट भरेगी तो पीपल देवता खुश होंगे!"

दूसरे ही दिन राजा आदित्य, अपनी सेनापतियों और मंत्रियों सहित रेवती के घर पहूंचे और विवाह का प्रस्ताव दिया।रेवती के पिता ने रेवती से पूछा, तो उसने एक शर्त रखी।रेवती ने पिता से कहा, अगर राजा आदित्य मेरी ये बात मान गए तो मैं उनसे विवाह कर लूंगी।

रेवती के पिता ने राजा आदित्य से कहा तो राजा उसकी शर्त मान गए। रेवती राजा आदित्य से मिली और बोली " आप अगर मेरे इन तीनों सवालों का जवाब पूर्णतः सत्यनिष्ठा के साथ देंगे तभी मैं आपसे विवाह करूंगी।"

मेरा पहला प्रश्न है "दुनिया का सबसे सुंदर मनुष्य आपको मिल जाए तो आप किसी को भी छोड़ सकते हैं?"

राजा बोला" दुनिया में कोई भी कितना भी सुंदर हो सकता हैं, परंतु किसी और को पाने के लिए मैं किसी अपने का त्याग नहीं कर सकता।"

रेवती पूछी "मेरा दूसरा सवाल है, क्या संपत्ति और ऐश्वर्य मनुष्य को सुखी बनाने के लिए यथेष्ठ हैं?"

राजा बोला "नहीं , संपत्ति विपत्ति का कारण बनती है, अत्यधिक संपत्ति से शत्रुता भी बढ़ती है। जीवन में संपत्ति जरूरी है परन्तु संपत्ति सब कुछ नहीं होती।"

रेवती ने पूछा " मेरा तीसरा सवाल है, मनुष्य को जीवनसाथी की आवश्यकता क्यों होती हैं?"

राजा बोला " मनुष्य की कई जरूरतों में विवाह भी महत्वपूर्ण आवश्यकता है। साथ ही जीवन में कोई ऐसा होना चाहिए, जिसके कंधे पर सर रख कर हम रो सकें, क्योंकि हंसने के लिए महफ़िल होगी, मगर रोने के लिए एक मजबूत कंधे की बहुत जरूरत होती हैं।"

रेवती बोली" आपकी पत्नी बनना मेरे लिए गर्व की बात है, आदित्य। मैं आपको आदित्य कहूंगी क्योंकि मुझे सदैव आप में अपना पति चाहिए, राजा केवल राजसिंहासन पर ही अच्छा लगता हैं।"

                            



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