मेरी अंतरात्मा’
मेरी अंतरात्मा’
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मेरी अंतरात्मा’
जो मुझको
सदा राह दिखाती
मोहमाया भरी दुनिया में
भटकने से भी बचाती
हर कदम
साथ मेरे चलती
सही गलत का भेद बताती
गिरने लगूं कभी तो थाम लेती
ओ मेरी...
'अंतरात्मा',
जो हमेशा मुझे चेताती
बोलो न कहीं वो तुम तो नहीं ।।