STORYMIRROR

Indu Singh

Others

4  

Indu Singh

Others

‘भ्रम भंग’

‘भ्रम भंग’

1 min
40.3K


‘भ्रम भंग’

 

जब आया

साँसों का अंत

डूबने लगा जीवन सूर्य

तब ये राज़ समझ आया

कि जिसे समझते रहे वजूद अपना

वो तो बस, कद से बड़ा देह का साया था ।


Rate this content
Log in