भेड़िये और हिरण के छौने
भेड़िये और हिरण के छौने
सहिष्णुता के सबसे बड़े पैरोकार
डाल देते हैं नमक
अपने विरोधियों की लाशों पर ।
चमक उठती हैं उनकी आँखेंं
जब जंगल के भीतर
रेत दी जाती है गर्दनें
लेवी की खातिर ।
और जो असहिष्णु हैं
अपने काम को देते हैं
सरंजाम
बीच चौराहे पर
ताकि सनद रहे
छल प्रपंच और सुविधा के अनुसार रचे गऐ
इन छद्म विचारों के खुरदरे पाटों के बीच
पीसती है मानवता
माँगती है भीख
मंदिर, मस्ज़िद, गिरिजा के चौखटों पर
और लहूलुहान नज़र आती है
लाल झंडे के नीचे।
भेड़ियों के झगड़े में
हमेशा नुकसान में रहते हैं
हिरण के छौने ही।
------ नीरज कुमार नीर / 23.05.2015
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