मेरे रसोई की जीवनदायिनी खिड़की
मेरे रसोई की जीवनदायिनी खिड़की
यह खिड़की बड़ी काम की चीज है
मेरे लिए तो जीवनदायिनी है यह।
जी हां यह मेरी रसोई की खिड़की
है।
मेरी सुबह की पहली चाय,
पहला काम , गानों के साथ
लेखन पठन
सब कुछ खिड़की के सामने रखी गई टेबल से चालू होता।
शुद्ध हवा के साथ में सुबह का सूरज दिखलाती, रोशनी लाती,
चिड़ियों की चहचहाहट
कबूतर की गुटर गू
मिट्ठू मियां की बातें
बगीचे की तितलियां
सबके साथ
बगिया की सैर करवाती।
आज कौन सी सब्जी बनेगी
उसकी बातें वही तय हो जाती
कौन आया कौन गया
सारी नजर वहीं से आ जाती
क्योंकि बगिया के दर्शन वहीं से हो जाते।
मन खुशी से भर जाता देख नया कुछ फल फूल का बगिया का सुंदर नजारा।
दूसरी खिड़की जो सड़क में खुलती
वह भी है बहुत काम की चीज
शुद्ध हवा के साथ रोशनी देती वह भरपूर है।
साथ में सब्जी वाले ,फल वाले ,
काम वाले ,कचरे वाले ,सब की गुहार हमको सुनाई दे जाते, पड़ोसियों से बात, सारे काम सरल हो जाते इस खिड़की से आने वाली आवाज से ।
खिड़कियां बड़ी काम की चीज है।
सब खिड़कियों को खुली रखो
मन की खिड़की भी खुली रखो
शुद्ध हवा और प्रसन्नता मिलेगी
मुझको प्यारी है हम सबको प्यारी है रसोई की खिड़की,
उसके पास बैठना
बातें करना
गुफ्तगू करना
चाय पीना ,
खाना खाना ,
पढ़ना लिखना,
यह सब काम हमारी प्यारी रसोई की खिड़की के पास ही होते हैं।
मेरे लिए तो मेरी रसोई की खिड़की जीवनदायिनी खिड़की है।