बोलबाला वेध समाज मनाचा कृपा पोट पिडवणूक श्रीहरी अविनाश दुःखं दारिद्र्य निधर्मी अभंग आत्मरूप सरकार जन जनार्दन विनवणी निर्भय सत्य अमर अमरत्व बाप्पा अभिमाने जीवात्म

Marathi संतदास Poems